What is output Device । आउटपुट डिवाइस क्या होते हैं।
दोस्तों जितना आवश्यक कम्प्यूटर है उतना ही आवश्यक होता है आउटपुट डिवाइस बिना आउटपुट डिवाइस के हम रिजल्ट का पता नहीं लगा सकते। हम जानेंगे आउटपुट डिवाइस के बारे में। कंप्यूटर से संबंध रखने वाले इनपुट और आउटपुट डिवाइस दोनों ही महत्वपूर्ण होते हैं। तो चलिए बात करते हैं आउट पुट डिवाइस की।
आउटपुट डिवाइस हार्ड या सॉफ्ट कॉपी के रूप में रिजल्ट देता है। जब हम इनपुट डिवाइस के द्वारा किसी डाटा को कंप्यूटर में इनपुट करते हैं तब प्रोसेस होने के बाद उसकी आउटपुट हमें हार्ड कॉपी या सॉफ्ट कॉपी के रूप में मिलती है। मॉनिटर, प्रिंटर, प्लॉटर, प्रोजेक्टर,स्क्रीन, स्पीकर, हेडफोन और डिस्प्ले इत्यादि आउटपुट डिवाइस के उदाहरण हैं।
पहले इनपुट Device के बारे में पढ़े -
👉Input Device कौन -कौन से होते हैं।
कुछ आउटपुट डिवाइस के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
1-Monitor( मॉनिटर )-
मॉनिटर मुख्य और पुट डिवाइस शो में आता है जिसको VDU विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है।मॉनिटर अपनी स्क्रीन पर सॉफ्ट कॉपी के रूप में आउटपुट रिजल्ट दिखाता है। मॉनिटर को एक कोने से दूसरे कोने तक तिरछा मापा जाता है VDU मॉनिटर को टेक्नोलॉजी के आधार पर दो प्रकार में वर्गीकृत किया गया है पहला CRT सीआरटी और दूसरा LCDएलसीडी।
1.1 CRT ( कैथोड रे ट्यूब )-
यह अब से कुछ पुरानी टेक्नोलॉजी की स्क्रीन है जो टीवी की स्क्रीन ऐसे दिखाई देती है इसमें एक कैथोड ट्यूब लगी होती है जिससे यह चित्र दिखाती है इस तकनीकी में कैथोड रे फ्लोरेसेंस स्क्रीन पर पड़ता है और किरणों को विक्षेपित करके चित्र बनाता है।
CRT (कैथोड रे ट्यूब ) दो प्रकार के होते हैं -
👉Monochrom(मोनोक्रोम )-इसे ब्लैक एंड व्हाइट कहा जाता है।
👉Color (रंगीन )-इसमें तीन अलग अलग फसफोरस होते हैं जो क्रमशः लाल, हरे व नीले प्रकाश का उत्सर्जन करते है और RGB के कारण चित्र रंगीन दिखाई देता है।
1. 2 LCD (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले )-ये VDU पतला फ्लैट होता है और इसमें लाइट मोडूलेटिंग टेक्नोलॉजी होती है ये दो के मॉनिटर होते हैं।
👉TFT(थिन फ़िल्म ट्रांजिस्टर )-TFT मॉनिटर LCD मॉनिटर का एक प्रकार है ये मैट्रिक्स बनाता है सेल्फ लाइट नहीं।
👉LED (लाइट एमीटिंग डायोड )-यह सेल्फ बैकलाइट एमीटिंग तकनिकी है जो पिक्चर क्वालिटी को वेहतर बनाता है।
2.PRINTER (प्रिंटर )-
प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो टेक्स्ट डॉक्यूमेंट,इमेज और स्प्रेडशीट को हार्ड कॉपी के रूप में प्रिंट करके देता है। प्रिंटर की गुड़वात्ता को DPI (डॉट पर इंच )में मापा जाता है.। प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं, इम्पैक्ट और नॉन - इम्पैक्ट प्रिंटर।
A)-इम्पैक्ट प्रिंटर -
ऐसे प्रिंटर श्याही बाले रिबन पर स्ट्रोक करके अक्षर को कागज पर छाप देते हैं।इसमें धातु या प्लास्टिक का head होता है जिसमें पिन (डॉटमैट्रिक में 9पिन या 24 पिन हेड )या सिंबल करैक्टर होते है।
👉Dot metrixprinter(डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर )-
डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर एक स्याही की रिबन पर पिन स्ट्रोक द्वारा करैक्टर बनाता है करैक्टर और इलूस्ट्रेशन का सयोजन करता है।
इसमें काफी कुछ टाइपटर जैसा है।प्रत्येक वर्ण डॉट्स के एक मेट्रिक्स से बनाया गया है।
B)-Non impect printer (नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर )-
इस तकनिकी में रिबन पर स्ट्राइक करने के लिए कोई हैमर नहीं होता। यह नई टेक्नोलॉजी है।यह मुख्य दो प्रकार के नॉन इक्पेक्ट प्रिंटर है-
👉Inkjet Printer(इंकजेट प्रिंटर )-
इस टेक्नोलॉजी में Lonized ink शीट पर चुम्बकीय प्लेटो के माध्यम से छिड़काव और इमेज या प्रतीक बनाते है इसकी प्रिंट क्वालिटी हाई होती है इससे 300 DPI या अधिक की हाई क्वालिटी प्रिंट कर सकते हैं।
👉Laser Printer (लेजर प्रिंटर )-
इस प्रिंटर की तकनिकी में जैसे ही कागज प्रिंटर से गुजरता है लेजर बीम एक बेलनाकार ड्रम की सतह पर गिरता है।जिसे फोटोरिसेप्टर कहा जाता है ड्रम में एक विधुत धनात्मक आवेश होता है, जो ड्रम के कुछ क्षेत्रों में आवेश को उल्टा करके फोटोरिसेप्टर पर लेजर बीम द्वारा टेक्स्ट इमेज या डॉक्यूमेंट प्रिंट होते है।
👉3D Printer( 3D प्रिंटर )-
दोस्तों जैसे की नाम से पता चल रहा है यह प्रिंटर उपयोगकर्ता को 3 आयामी CAD ( कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन )इमेजों के रूप में एक ऑब्जेक्ट को प्रिंट करने की अनुमति देता है। 3D प्रिंटिंग एक इनोवेटिव तकनीक है जो व्यवसाय के नए तरीकों को विकसित करने में मदद करता है।
3. Multimedia projector ( मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर )
प्रोजेक्टर एक मॉनिटर की तरह हीआउटपुट डिवाइस होता है जिसका उपयोग हम बड़ी-बड़ी मीटिंग में या प्रेजेंटेशन को बड़ी डिस्प्ले में देखने के लिए प्रयोग करते हैं। प्रोजेक्टर में किसी लेंस के द्वारा किसी सफेद पर्दे पर फ्लैश डालकर पिक्चर को दिखाया जाता है।
4. Plotter ( प्लॉटर )
प्लॉटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कागजों पर ग्राफिकल आउटपुट बनाने के लिए किया जाता है। यह प्रिंटर की तरह कार्य करता है लेकिन इसका आकार बहुत बड़ा होता है यह ब्लूप्रिंट आदि के रूप में मल्टी कलर पेन का उपयोग करता है।
5. Speaker( स्पीकर )
यह एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है जो हमें ऑडियो के रूप में आउटपुट देता है इसका उपयोग मल्टीमीडिया एप्लीकेशन में होता है जिससे कोई भी साउंड म्यूजिक आसानी से सुना जा सकता है।
तो दोस्तों हमने आज जाना आउटपुट डिवाइस ओं के बारे में इसी प्रकार कंप्यूटर के बारे में और जानने के लिए दिए हुए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
👉इसे भी पढ़े -CPU और Input Device क्या होते हैं।