Computer memory kya hai।और उसके प्रकार।
"Computer सिस्टम में एक आंतरिक एरिया होता है जिसमें डाटा, इनफार्मेशन, ओडीओ, वीडियो, इमेज, डॉक्यूमेंट आदि को एक स्थान पर सुरक्षित रखा जाता है जिसमें ये डाटा रखा जाता है उसको मेमोरी कहते है।उस डाटा का उपयोग हम समय समय पर अवश्यकता अनुसार करते हैं।"
Computer में दो प्रकार की मेमोरी का use होता है। प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी।
Computer Memory -
1-Primary memory ( प्राइमरी मेमोरी )
प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम की मेन मेमोरी होती है जो सिस्टम के प्राथमिक कार्यों के लिए मेमोरी उपलब्ध कराती है। जैसे- RAM और ROM
RAM- random access memory ( रेंडम एक्सेस मेमोरी )
यह मेमोरी जब सिस्टम ऑन होता है तब कार्य करती है इसलिए इसे वोलेटाइल मेमोरी कहा जाता है। क्योंकि जब तक वोल्टेज या पावर रहती है तब तक इसमें डाटा रहता है और वोल्टेज ना होने पर डाटा लॉस हो जाता है।प्रोग्राम चलने से पहले प्रोग्राम को मेमोरी में लोड किया जाता है जो सीपीयू को प्रोग्राम तक सीधे पहुंचाने की अनुमति देता है।
RAM के और भी प्रकार होते हैं।
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What is RAM Memory। रैम क्या है। रैम कैसे work करती है। stech education।
👉SRAM ( स्टैटिक रेंडम एक्सेस मेमोरी )-
यह मेमोरी अधिक कॉमन और DRAM ( डायनेमिक रेंडम एक्सेस मेमोरी )की तुलना में अधिक तेज व विश्वसनीय है। स्टैटिक शब्द इस तथ्य से लिया गया है कि इसे DRAM की तरह ताजा करने की आवश्यकता नहीं है। SRAM को अक्सर केवल CPU (L1, L2और L3 Cahse)में पाए जाने वाले मेमोरी कैश के रूप में उपयोग किया जाता है।
👉DRAM( डायनामिक रैम)-
इसेेेेेेेेेेेेेे डायनामिक रेंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है। यह एक प्रकार मेमोरी है जिसे अधिकतर पर्सनल कंप्यूटर में Use किया जाता है।
👉SDRAM (Synchronous Dyanamic RAM) (सिंक्रोनस डायनामिक रैम )-
यह एक प्रकार का SDRAM है जो पारम्परिक मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक गति से चल सकता है।SDRAM वास्तव में CPU के साथ सिंक्रोनाइज हो जाता है।
👉DDR2-SDRAM-(Dual Data Rate 2-SDRAM)
डबल डाटा रेट 2- डी रैम -
यह RAM भी DRAM का एक प्रकार होता है DDR जो अपने ऐंसेस्टर DDR RAM, SDRAM की तुलना में उच्च गति का समर्थन करता है।
👉DDR3 SDRAM(डबल डाटा रेट 3- डी रैम) -
इसका मतलब है डबल डाटा रेट 3 एस डी रैम यह DRAM का बिलकुल नया प्रकार है जो इसके सभी प्रकार की मेमोरी से तेज कार्य करता है।
ROM-READ ONLY MEMORY (रीड ओनली मेमोरी )-
कंप्यूटर में हमेशा थोड़ी मात्रा में ROM (रीड ओनली मेमोरी )होती है जो कंप्यूटर को प्रारम्भ करने के लिए निर्देश रखती हैं।RAM मेमोरी की अपेक्षा ROM को नहीं लिखा जा सकता। यह नॉन -वोलेटाइल मेमोरी है अर्थात यदि पावर न हो तभी डाटा इसी में रहता है।
👉PROM (Programmable Read Only Memory )-पीरोम( प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी)
PROM एक ऐसी मेमरी चिप है जिस पर डाटा को केवल एक बार लिखा जा सकता है। एक PROM और ROM में केवल इतना अंतर है कि एक PROM रिक्त मेमोरी के रूप में निर्मित होती है जबकि निर्माण प्रक्रिया के दौरान क्रीमादेशित होती है।
👉EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory ) इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी-
यह एक विशेष प्रकार का PROM है जिसे पराबैंगनी प्रकाश में एक्सपोज करके हटाया जा सकता है।एक बार जब ये मिट जाता है तब इसे फिर से लिखा जा सकता है।
EEPROM-(ElectricallyErasable Programmable Read Only Memory )-
इलेक्ट्रीकली इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी -
Dual EEPROM यह एक ऎसा विशेष PROM है जिसे विधुत आवेश में लाकर मिटाया जा सकता है अन्य प्रकार के PROM की तरह EEPROM भी विधुत जाने के बाद डाटा को बरकरार रखता है।इसके आलावा और PROM की तरह इसकी स्पीड भी RAM के जैसी तेज नहीं है।EEPROM फ़्लैश मेमोरी के समान है।कभी -कभी इसे फ़्लैश EEPROM कहा जाता है।
Unit of memory (मेमोरी की माप )
मेमोरी की सबसे छोटी इकाई बिट होती है। एक बिट को बाइनरी डिजिट कहते हैं जो 1और 0 होता है।और इसी प्रकार आगे की माप बढ़ती जाती है नीचे दिए गए चार्ट को देख कर समझ सकते हैं।
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Unit of Memory |
2. SECONDARY STORAGE DEVICE(सेकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस )
इस प्रकार की मेमोरी कंप्यूटर के इंटरनल या एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस है,इसे नॉन वोलेटाइल मेमोरी भी कहते हैं क्योंकि इसमें पावर या विद्युत ना होने पर डाटा सुरक्षित रहता है जिसका Use कभी भी कर सकते हैं।जो कंप्यूटर के अंदर या बाहर होती है। यह प्रोग्राम और डाटा को स्थाई रूप से संग्रहित करता है, आप इसे कंप्यूटर से संलग्न होने पर कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।प्राइमरी मेमोरी की लागत सेकेंडरी मेमोरी से अधिक होती है। यह धीमा होता है लेकिन सस्ता होता है। फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क,सीडी,डीवीडी,पेन ड्राइव, आदि सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस होते हैं ।
सेकेंडरी स्टोरेज को मैग्नेटिक डिवाइस,ऑप्टिकल डिवाइस और फ्लैश मेमोरी में विभाजित किया जा सकता है।
👉Floppy Disk (फ्लॉप्पी डिस्क )-
यह रिमूवेबल डिवाइस या डाटा ट्रैवलर और री-रिटेबल है। फ्लॉपी डिस्क फ्लैट है, Mylar प्लास्टिक के गोलाकार टुकड़े जो एक जैकेट के भीतर घूमते हैं फ्लॉपी का आकार 3.5 इंच और फ्लॉपी डिस्क की भंडारण क्षमता 1. 4 4 एमबी है।
👉Harddisk(hard drives)- हार्ड डिस्क ( हार्ड ड्राइवस)
हार्ड डिस्क 1 मैग्नेटिक डिस्क है जो धातु से बनी होती है और मैग्नेटिक रिकॉर्डिंग सतह से ढकी होती है। एक एकल हार्ड डिस्क में आमतौर पर अनेक प्लॉटर्स होते हैं।500जब,1TB,30TB और उससे भी अधिक डाटा के स्टोर करने के लिए बाजार मे आजकल बाहरी कैप सिटी की हार्ड डिस्क उपलब्ध है।
The hard disk drives has following components
1 हार्ड डिस्क ड्राइव के निम्नलिखित प्रकार होते हैं
Platter -प्लाटर - हार्ड डिस्क ड्राइव के भीतर वास्तविक fixxed डिस्क, हार्ड ड्राइव के भीतर कई प्लैटर्स हो सकते हैं।
2-Heads हैड्स - प्लाटर के प्रत्येक साइड।
3-Tracks ट्रैक्स - यह एक बड़ा सेक्शन है जो प्लैटर के चारों तरफ होता है
4-Sector सेक्टर- ट्रैक पर सेक्शन
5 Cluster क्लस्टर - यह मेजरमेंट की सबसे छोटी इकाई जो हार्ड ड्राइव पड़ता है।
6 Cylinder सिलेंडर- प्रत्येक प्लॉटर पर समान डायमीटर के ट्रैक
Optical Disk CD ROM ऑप्टिकल डिस्क सीडी रोम - इस तरह के स्टोरेज डिवाइस सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के अंतर्गत आते हैं जबकि cd-rom एक ऑप्टिकल डिस्क को एक्सेस यह पढ़ने के लिए ड्राइवर है।
यहां हम इसकी विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे
Optical disc ऑप्टिकल डिस्क-
ऑप्टिकल डिस्क 1 डिस्क है जिसे लेजर बीम द्वारा पड़ा और लिखा जाता है। ऑप्टिकल डिस्क के लिए किसी मूव एक्सएसआर और रीड राइट हैंड की जरूरत नहीं होती क्योंकि लेजरबीम इलेक्ट्रॉनिकली मूव हो सकती है। डाटा रीड करने के लिए लेजर बीम एरिया को स्केनर करना पड़ता है डाटा राइट करने के लिए लेजर बीम डिस्क के surface पर बिट का चिन्ह बना कर माइक्रो कैविटी बनाता है।
ऑप्टिकल डिस्क के प्रकार उपलब्ध है
Write once read many disc (normal CD)
इस तरह के ऑप्टिकल डिस्क सादा और सरल होते हैं और डाटा को केवल एक बार लिखना आसान होता है और इसके बाद आप उस डिस्क को दोबारा नहीं लिख सकते लेकिन आप इसे कई बार अपनी इच्छा अनुसार एक्सेसिया पढ़ सकते हैं इस तरह के ऑप्टिकल डिस्क में 700mb तक डाटा होता है
Re-writable optical discs री राइट टेबल ऑप्टिकल डिस्क -
यह एक ऑप्टिकल डिस्क है जिसे बार-बार मिटाया और लिखा जा सकता है। एक इरेजेबल ऑप्टिकल डिस्क में डाटा क्षमता का एक बड़ा सौदा होता है। इस तरह के ऑप्टिकल डिस्कइसकी कीमत सामान्य सीडी रोम की तुलना में बहुत अधिक होती है
CD-ROM( compact disc real only memory)- सीडी-रोम ( कंपैक्ट डिस्क रीड ओनली मेमोरी )
इस तरह की सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस एक ऑप्टिकल डिस्क है,इसे केवल एक बार उपयोगकर्ता द्वारा राइट किया जाता है और फिर उसे दोबारा राइट नहीं किया जा सकता।
DVD( digital video disc)
इसे डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क के रूप में भी जाना जाता है।यह मांस स्टोरेज डिस्क सामान्य रूप से 4.7 जीबी तक आती है और विशेष स्थिति में यह 45 से 50 तक भी आती है। यह डाटा को संक्षिप्त रूप में संग्रहित करने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करता है।यह एक सामान्य कंपैक्ट डिस्क से अधिक स्टोर करता है।
Mass Storage Devices -
मांस स्टोरेज डिवाइस को स्टोरेज डिवाइस के रूप में जाना जाता है जो सामान्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में अधिक डाटा धारण कर सकता है।
👉USB Thumb Drive-यूएसबी थम ड्राइब -
USB थंब ड्राइब को आमतौर पर फ़्लैश ड्राइब या पेन ड्राइब के रूप में जाना जाता है।इसका उपयोग इसकी क्षमता अनुसार डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है इसके द्वारा हम एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में डाटा को आदान प्रदान कर सकते हैं।
दोस्तो आशा करते हैं कंप्यूटर की मेमोरी के बारे में काफी कुछ जानकारी मिल गई होगी अगर अब भी कोई सवाल हो तो हमें कमेंट कर सकते है और अगर अपना कोई सुझाव हो तो हमारे साथ share करें।
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